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बदलाव के संकेत हैं मुसलमानों के राष्ट्रवादी बयान....

दिल्ली के बम धमाकों के बाद एक बार फिर आतंकवाद पर बहस तेज हो गई.हम सभी फिर घिसे-पिटे जुमलों मसलन कानून कायदा होना चाहिए, पुलिस और खुफिया तंत्र नाकारा है,नेता वोट की राजनीती कर रहे है और हमे केंद्रीय ग्रह मंत्री अपने घटिया बयानों से जनता को खिजा रहें है आदि में उलझे है तब खबरों मे आए दों अहम संकेतों को समझना एवं भुनाना जरूरी लगता है। दिल्ली के बम धमाकों के बाद मुंबई के मुस्लिम भाइयों ने एक सभा कर केवल घटना की निंदा की बल्कि अपने समुदाय पर रही आंच से बचने के लिए खुलकर आतंकवाद के खिलाफ़ आने का बड़ा काम किया। कुछ लोग इसे भले ही महत्व दे पर मेरे विचार से यहाँ हमारे समाज में बड़ते जातीय द्वेष पर लगाम लगाने के लिए एक सुनहरा अवसर है जिसे भुनाया जाना चाहिए।

इसी से जुड़े दूसरे संकेत में दिल्ली और दुसरे धमाके के आरोपी तौकीर की माँ का बयान है। समाचारों के अनुसार तौकीर की माँ ने कहा है की वैसे तो मैने बेटे को ऐसे संस्कार नही दिए हैं की वहा ऐसा घिनौना काम करे पर कुछ वषों से वह अलग रह रहा है इसलिए उसकी गतिविधियों की जानकारी मुझको नही है.फिर भी यदि मेरा लड़का सचमुच मेंदोषी हो तो उसको मेरे सामने फांसी पर लटका देना चाहिए। एक माँ ने पुत्र के स्थान पर राष्ट्रऔर कानून को महत्व दिया ,यही हमरी संस्कृति है. आज इन दोनों ही जज्बों को मजबूत करने की जरुरत है तभी आतंकवादियों के हौसले पस्त होंगे.
यह भी ध्यान में रखना होगा की यहाँ काम आम जनता को ही करना होगा नेता तो अब केवल वोट गणित को ही समझता है. आओ हम सब मिलकर इन संकेतों को पकड़े और अपने समाज को फिर जाति, धर्म, अमीर-गरीब और पंथ के स्थान पर मानवता के चश्मे से देखना शुरू करे. ध्यान रहे इसके लिए स्वार्थी राजनीतिज्ञों से सावधान रहना होगा. आप मेरे साथ तैयार है न?
जी० एल० पुणताम्बेकर, डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर

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