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परिसीमन से गड़बड़ाए बुंदेलखण्ड के समीकरण...

विधानसभा चुनाव 2008 के नतीजों से जाहिर हो गया हैं कि यहां नए किस्म के जातीय राजनीतिक समीकरण आकार ले रहें है। लेकिन लोक सभा क्षेत्रों की हदों के बदलने की वजह से बुंदेलखण्ड के चुनावी गणितों में भी बेहद बदलाव के आसार बन रहे है।ं इसी के चलते राजनैतिक दल पूरी ताकत से चुनावों की तैयारियों मे जुट गए है। हालांकि आगामी चुनाव नए परिसीमन के मुताबिक होना है इसलिए बढ़े हुए अतिरिक्त काम को समय पर निपटाने के लिहाज से चुनाव आयोग ने भी मैदानी स्तर पर काम शुरु कर दिया है। लोकसभा चुनावों के अप्रेल मई के महीने मे होने के संकेत भी मिलने लगे हैं।

नए परिसीमन के बाद मप्र मे लोकसभा की कुल सीटों की संख्या 29 हो गई हैं! इनमें से 4 सीटें बुंदेलखण्ड मे हैं। बुंदेलखण्ड मे खजुराहों ही मप्र की इकलौती लोकसभा सीट हैं जो जिला मुख्यालय नहीं हैं। नए परिसीमन के बाद प्रदेश की हर लोकसभा सीट के तहत आठ-आठ विधानसभा सीटें हो गईं हैं। हालांकि बुंदेलखण्ड मे महज 26 विधानसभा सीटें हीं हैं इसलिए सागर संभाग की चार लोकसभा सीटों मे आठ का गणित पूरा करने के लिए पड़ौसी जिलों कटनी व विदिशा से 3-3 सीटें लेकर इस बुंदेलखण्ड मे शामिल की गईं हैं।
ताजा स्थित के मुताबिक सागर संभाग में लोक सभा व विधानसभा सीटों की कुल संख्या बढ़ कर क्रमश:4 व 32 हो गईं है। बुंदेलखण्ड की चारों लोकसभा सीटों 5-सागर, 6-टीकमगढ़, 7-दमोह व 8 खजुराहो में से सिर्फ टीकमगढ़ सीट ही आरक्षित है। इसके अलावा चार मे से केवखजुराहो लोक सभा सीट के जिला मुख्यालय नहीं होने की वजह से यहां का रिटर्निंग अधिकारी पन्ना के कलेक्टर को बनाया गया है।
सागर संभाग मे शामिल की गईं छह नई विधानसभा सीटों मे से तीन विदिशा जिले की हैं जबकि तीन कटनी जिले की हैं। विदिशा विस क्षेत्र की तीनों सीटें 146 कुरवई, 147 सिंरोंज व 148 शमशाबाद सागर लोकसभा क्षेत्र मे शामिल की गईं हैं। कटनी विस क्षेत्र की तीन सीटें -92 विजयाराघवगढ़, 93 मुड़वारा व 94 बहोरीबंद को खजुराहो लोक सभा सीट मे शामिल किया गया है।
इसके अलावा नए परिसीमन की वजह से संभाग के पांचों जिलों के तहत आने वाली विस सीटों का भी पुनर्वितरण किया गया है। इससे यहां के राजनीतिक समीकरणों में भी जबरदस्त बदलाव देखने को मिल रहा है।
नई व्यवस्था के मुताबिक सागर विधानसभा क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण सीटें 38 रहली, बण्डा व देवरी दमोह लोकसभा क्षेत्र में पहुंच गई है। जबकि दमोह लोकसभा क्षेत्र मे सागर की इन तीन विस सीटों के अलावा छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की चर्चित 53 बड़ामलहरा सीट भी शामिल हो गई है। इस प्रकार सागर विधानसभा क्षेत्र की आठों विधानसभा सीटें अब नरयावली, खुरई, सागर, कुरवई, सिरोंज, शमशाबाद, सुरखी व बीना हैं जबकि दमोह लोस क्षेत्र की आठ ं सीटें-देवरी, रहली, बण्डा, बड़ामलहरा, दमोह, जबेरा, पथरिया व हटा हो गईं हैं।
अन्य दो लोकसभा सीटों टीकमगढ़ व खजुराहो में आठ-आठ विधानसभा सीटों की गिनती पूरी करने के लिए छतरपुर व पन्ना जिले की विधानसभा सीटों का पुनर्वितरण किया गया है। इसके मुताबिक टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र मे टीकमगढ़ जिले की पाचों विधानसभा सीटों- टीकमगढ़, जतारा, पृथ्वीपुर, निवाड़ी व खरगापुर के अलावा छतरपुर जिले की 3 विधानसभा सीटों-महराजपुर, छतरपुर व बिजावर को शमिल किया गया है। जबकि नवनिर्मित लोकसभा क्षेत्र मे छतरपुर जिले से 2 विस क्षेत्र चंदला व राजनगर, पन्ना जिले से तीन विस क्षेत्र-पवई, गुन्नौर व पन्ना व कटनी जिले से तीन विस क्षेत्र- विजयराघवगढ़, मुड़वारा व बहोरी बंद को शामिल किया गया है।
विधानसभा नतीजों से नवोदित भाजश व उप्र की ओर से दबाव बना रहे बहुजन समाजवादी पार्टी के दखल से बुंदेलखड क्षेत्र देश की चुनावी रणनीति का अंहम हिस्सा बना गया है। अब देखना यह है कि नए परिसीमन की वजह से आए जातीय व क्षेत्रीय बदलाव बुंदेलखण्ड को राष्ट्रीय राजनीति मे क्या अहमियत दिलाते हैं।

राजेश श्रीवास्तव,पत्रकार,सागर

1 comment:

  1. रवि खरे छतरपुर, मप्र
    आपका कहना सही है। बुंदेलखण्ड मे परिसीमन की वजह से राजनैतिक पैंतरेबाजी में नए तत्व शामिल होने लगे हैं। बसपा व भाजश को सीटें भले हीं कम मिलीं हों पर उन्होंने बड़ी संख्या मे वोट हासिल तो किए हीं हैं। जो आने वाले समय में और बढ़ जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं। शुतुरमुर्गी मुद्र अपनाकर अगर बड़ दल इन तथ्यों को नजरंदाज तो उन्हें गड़ढे मे गिरने से भला कौन बचा सकता है ?

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