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Movie Review-डकैत तो संसद में बैठे हैं, मैं तो बागी हूं

बैनर : यूटीवी मोशन पिक्चर्स निर्माता : रॉनी स्क्रूवालानिर्देशक : तिग्मांशु धुलिया 
संगीत : अभिषेक रे  कलाकार : इरफान खान, माही गिल, विपिन शर्मा, जाकिर हुसैन

आज फिल्मी पर्दे पर रिलीज हुई फिल्म पान सिंह तोमर ऐसे नौजवान की कहानी, जो गरीबी के कारण फौज में भर्ती होता है, भूख मिटाने के लिए रेस के ट्रैक पर दौड़ता है, देश के लिए मेडल जीतता है, लेकिन फिर अचानक बंदूक उठाकर डाकू बन जाता है। यह फिल्म एक सच्ची घटना पर अधारित है।

पहले एक नौ जवान फौजी बनता है लेकिन उसे फौज में सलाह दी जाती है कि वो स्पोर्ट्स में चले जाए क्योंकि वह बहुत तेज दौड़ता था। वह पैसों के लिए खेलों में हिस्सा लेने लगा। कई तरह के रेकॉर्ड भी अपने नाम करता है। जब वह अपनी नौकरी से रिचारमेंट लेता है तब वह गांव आकर रहने लगता है। देखें पान सिंह तोमर की तस्वीरें

लेकिन तब से उसकी लाइफ में एक और बदलाव आता है उसे अपने चचेरे भाइयों के चलते बंदूक उठाना पड़ता है। वह बागी बन जाता है जमीन के विवाद के कारण उसे बागी बनना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि वह बंदूक उठाने से पहले किसी के पास भी अपनी फरियाद लेकर नहीं पहुंचा। वह थानेदार के पास भी जाता है। लेकिन वहा पर उसके सारे मेडल्स फेक दिए जाते हैं।

डाकू बन चुके पान सिंह से जब पूछा जाता है कि आप डाकू कब बने, तो वह गुस्से में कहता है कि c उसे खुद को बागी कहलाना पसंद था। जब उसे समाज से न्याय नहीं मिला तो वह बागी बन गया। इस बात का उसे अफसोस भी है लेकिन इसके सिवा उसके पास कोई चारा नहीं था।

फिल्म के निर्देशक तिग्मांशु ने इस फिल्म को बेहद ही बारीकी से दिखाया है। एक डाकू की कहानी होने के बावजूद भी यह फिल्म बोर नहीं करती है। इरफान खान ने जिस तरह से पान सिंह तोमर के किरदार को पर्दे जिया है उससे यही साबित होता है कि वो आज भी बेस्ट हैं। माही गिल ने भी अपने किरदार को इमानदारी से निभाया है। फिल्म आपको सचमुच सोचने पर मजबूर कर देगी।

यह फिल्म सचमुच भारत के ऐसे खिलाड़ियों के नाम है जिन्होंने ने भारत का नाम तो रोशन किया लेकिन बाद में उनकी कोई पूछ परख नहीं हुई और गरीबी के चलते उन्हें या तो बागी बनना पड़ा या फिर मेडल बेच कर अपना गुजारा करना पड़ा। फिर वो सब गुमनामी के अंधेरे में कहीं खो गए पान सिंह भी इन्ही में से एक था। जरूर देंखे पान सिंह तोमर।

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